Types of MLM Network Marketing Plan | नेटवर्क मर्केटिंग में कितने प्रकार के प्लान | Kitne Type ke plan hote hain
आगे की पोस्टों में हम अलग अलग मुख्य नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनियों के प्लान के बारे में बताने वाले हैं, कौन सी कम्पनी का क्या प्लान है | उससे पहले हमें यह जानना आवश्यक है कि नेटवर्क मर्केटिंग में मुख्य रूप से कितने प्रकार के प्लान होते हैं | और किस प्लान के क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान होते हैं | ताकि हम किसी भी कम्पनी के प्लान को सही ढ़ंग से समझ सकें | तो चलिये बात करते हैं-
MLM (Multi Level Marketing) और Network Marketing प्लान के प्रकार :
[1.] यूनिलेवल प्लान (Uni-level Plan) :
जैसे कि इसके नाम से ही पता चल रहा है "Uni" मतलब एक, यह प्लान आपके लिए नीचे सिर्फ एक स्तर पर चलता है। इसमें काम करने वाले हर मेम्बर को एक जैसा कमीशन मिलता है मतलब सबका प्रतिशत कमिशन एक बराबर होता है | इस प्लान में जुड़ने वाला हर व्यक्ति चाहे फिर वो ऊपर हो या फिर नीचे हो मेम्बर होता है और सभी मेम्बरों को परफॉरमेंस के आधार पर आंका जाता है इसमें कोई रैंक या लेवल नहीं होता है |
इस तरह के प्लान में सिर्फ एक ही कमीशन का प्रकार होता है और वो है लेवल कमीशन | सामान्यतया आपकी नीचे वालो की सेल का 5% आपको मिलता है | आप जितने लोगो को अपने नीचे जोड़गे उतना ज्यादा आपको प्रॉफिट मिलता रहेगा। कुछ MLM कंपनिया इस तरह के प्लान में आपके द्वारा जोड़े गए लोगो के काम करने पर भी प्रॉफिट देती है । जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को जोड़ने पर अच्छा मुनाफ़ा होता है ।
यूनिलेवल प्लान के फयदे (Advantages of Uni-level Plan) :
यूनिलेवल प्लान के नुकसान (Disadvantages of Uni-level Plan) :
बाइनरी, पिरामिड प्लान के फयदे (Advantages of Binary, Chain, Pair, Pyramid or Balance Plan) :
[3.] मैट्रिक्स प्लान (Matrix Plan) :
MLM (Multi Level Marketing) और Network Marketing प्लान के प्रकार :
[1.] यूनिलेवल प्लान (Uni-level Plan) :
जैसे कि इसके नाम से ही पता चल रहा है "Uni" मतलब एक, यह प्लान आपके लिए नीचे सिर्फ एक स्तर पर चलता है। इसमें काम करने वाले हर मेम्बर को एक जैसा कमीशन मिलता है मतलब सबका प्रतिशत कमिशन एक बराबर होता है | इस प्लान में जुड़ने वाला हर व्यक्ति चाहे फिर वो ऊपर हो या फिर नीचे हो मेम्बर होता है और सभी मेम्बरों को परफॉरमेंस के आधार पर आंका जाता है इसमें कोई रैंक या लेवल नहीं होता है |
इस तरह के प्लान में सिर्फ एक ही कमीशन का प्रकार होता है और वो है लेवल कमीशन | सामान्यतया आपकी नीचे वालो की सेल का 5% आपको मिलता है | आप जितने लोगो को अपने नीचे जोड़गे उतना ज्यादा आपको प्रॉफिट मिलता रहेगा। कुछ MLM कंपनिया इस तरह के प्लान में आपके द्वारा जोड़े गए लोगो के काम करने पर भी प्रॉफिट देती है । जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को जोड़ने पर अच्छा मुनाफ़ा होता है ।
यूनिलेवल प्लान के फयदे (Advantages of Uni-level Plan) :
- इस प्लान की खास बात यह है कि इसे अपने नये आने वाले मेम्बर (Prospects) को अच्छे से समझाया जा सकता है | आजकल आप इस तरह के प्लान को शायद ही देख पाए क्योंकि ये पहले बहुत बड़े लेवल पर इस्तमाल किये जाते थे परन्तु अब इसको दूसरे प्लान के साथ मिश्रित करके इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसको हाइब्रिड प्लान भी कहा जाता है
- इस तरह के MLM प्लान काफी साधारण होते है इसमें ज्यदा से ज्यादा नये लोगों को जोड़ना है और बस मुनाफ़ा कमाना है | बहुत बड़ी टीम को सम्भालने जैसी परेशानी आपको यहाँ नहीं होगी |
यूनिलेवल प्लान के नुकसान (Disadvantages of Uni-level Plan) :
- यूनिलेवल प्लान से MLM कम्पनी पर एक गलत प्रभाव पड़ा है | क्योंकि इस तरह के प्लान से जुड़ने के बाद मेम्बर ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने नीचे लाने की कोशिश करते है | यहाँ, नए मेम्बर को मैट्रिक्स प्लान की तरह कोई समझाने वाला या ट्रेनिंग देने वाला नही होता है | क्योंकि यहाँ पर फ़यदा सिर्फ़ आपका होता है तो नये मेम्बर बनाने में मेहनत आपको अकेले ही करनी होती है कोई टीम वर्क की तरह नहीं होती है |
एक यूनिलेवल प्लान के अन्दर निम्नांकित तथ्यों को मिश्रित किया जाता है
- फ़ास्ट कमीशन (Fast Start Commission)
- पूल बोनस (Pool Bonuses)
- असीमित कमीशन (Infinity Commissions)
[2.] बाइनरी, पिरामिड (Binary, Chain, Pair, Pyramid or Balance Plan) प्लान :
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है, बाइनरी प्लान को भारत में अधिकतर कम्पनियों द्वारा अपनाया गया था और कुछ कम्पनियाँ अभी भी इसी प्लान पर कार्यरत हैं | इसकी शुरुवात 80 के दशक में हुई थी और 90 के दशक में बाइनरी प्लान सबसे ज्यादा अपनाया हुआ प्लान बन चुका था |
बाइनरी प्लान में सबसे पहले एक लीडर कम्पनी में जुड़ता है और अपने नीचे ( Down or Direct में ) दो लोगोंं के जोड़ता है (Left and Right Leg) और फिर वो दो लोग भी, अपने दो-दो लोगों को जोड़ते हैं और फिर नीचे वाले लोग भी यही प्रक्रिया दोहराते हैं या इसी ढ़ंग में काम करते हैं | और इस तरीके से जब लोग ( Distributors ) जुड़ते जाते हैं तो कम्पनी में टीम की गहराई की तुलना में चौड़ाई दोगुनी तेजी से बढ़ती जाती है अगर इसे समझने के लिये एक चित्र के माध्यम से देखा जाये तो यह एक पिरामिड की तरह दिखायी देता है इसलिए इसे पिरामिड स्कीम या पिरमिड प्लान भी कहते हैं |
बाइनरी, पिरामिड प्लान के फयदे (Advantages of Binary, Chain, Pair, Pyramid or Balance Plan) :
- बाइनरी प्लान में नए जुड़ने वाले लोगो को अच्छा सहयोग मिलता है। दरअसल जब कोई सीनियर मेंबर किसी अन्य व्यक्ति को चैन और प्लान से जोड़ना चाहता है और उसके Left and Right leg वाले दोनों मेम्बर जुड़ चुके हैं, तो वह उसे अपने नीचे नही बल्कि पहले से जुड़े मेम्बर के नीचे जोड़ेगा | क्योंकि यहाँ अपने नीचे दो ही मेम्बर्स को जोड़ सकते है और फिर नए मेम्बर को नीचलेे लेवल के नीचे ही जोड़ सकते है।जिससे निचले मेम्बर के नीचे ओर लोगो को सीनियर द्वारा जोड़ने पर अच्छा सहयोग मिलता है।इससे प्रभावित होकर, वे भी प्लान को बढ़ावा देते है |
- य्हाँ हर एक मेम्बर के नीचे (Direct Partners) 5,6,7,8 या 10 मेम्बर नहीं होते बल्कि दो ही मेम्बर होते हैं जिससे उनका मार्गदर्शन भी अच्छे से हो पाता है आपको केवल दो लोगोंं को सिखाना है, वो आगे दो-दो को सिखायेंगे और ऐसे ही पूरी टीम को आप ज्ञान के मामले में मज़बूत कर सकते हैं |
- नीचे के मेम्बर को सहयोग के अलावा कुछ मुश्किलें भी होती हैं, ज्यादातर कम्पनीयाँ जोड़ा (Pair or Two Distributors) पूरा होने के बाद ही पैसा देती हैं | शुरुआत में आपको बिज़नस प्लान में एक मेम्बर बनाने में काफी मेहनत लगती है और आपको उसका कोई पैसा नहीं मिलेगा जब तक आप दूसरा मेम्बर दूसरी Leg में नहीं जोड़ देते हैं |
- यही कारण है कि इस प्लान पर काम करने वाले बहुत से मेम्बरों का बिज़नस अच्छा तो चलता है लेकिन दोनों तरफ की टीम नहीं चल पाती, मतलब एक Leg या एक साइड की टीम तेजी से चलती है लेकिन एक साइड नहीं चल पाती और पैसा नहीं मिल पाता अन्ततः बहुत से मेम्बर बीच में ही बिज़नस छोड़ देते हैं |
- यहाँ पर आपको अपनी दोनों Leg (Left and Right) की तरफ बने पूर्ण जोड़ों के अनुसार पैसा मिलता है | जैसे:- मान लीजिये आपने अपनी एक ही साइड की टीम में 25 मेम्बर जोड़ दिये लेकिन आपकी दूसरी साइड में कोई मेम्बर नहीं जुड़ा है तो कम्पनी आपको कोई पैसा नहीं देगी, जब आप दूसरी साइड में एक मेम्बर जोड़ देंगे तो आपको एक जोड़े का कम्पनी के कमीशन प्लान के अनुसार पैसा मिल जायेगा | अगर आपकी एक मेम्बर वाली साइड में टीम 10 लोगों की हो जाती है तो आपको 10 जोड़ों का पैसा मिल जायेगा |
- प्रति जोड़े के हिसाब से मिलने वाला पैसा कुछ सीमित लेवल ( टीम की गहराई ) या Generations तक ही मिलता है इसके बाद आपको कम्पनी केवल तभी पैसा देगी, अगर आपने उस लेवल को प्राप्त किया है जो कम्पनी टीम के दोनों तरफ के अनुपात अनुसार और टीम के कुल मेम्बर की संख्या अनुसार निर्धारित करती है | जैसे मान लेंं कि वह लेवल 1000 की टीम पर है और आपकी कुल टीम में 20,000 मेम्बर हैं लेकिन एक तरफ की टीम में केवल 100 ही लोग हैं और बाकी दूसरी तरफ 1900 हैं तो आपको वह लेवल नहीं मिल पायेगा |
[3.] मैट्रिक्स प्लान (Matrix Plan) :
मैट्रिक्स प्लान थोड़ा सा भिन्न है | इसमें कोई सीमा नहीं होती आप अपने नीचे कितने भी मेम्बर जोड़ सकते हो लेकिन कुछ कम्पनी के प्लान के अनुसार मेम्बर जोड़ने की एक सीमा भी हो सकती है | कुछ कम्पनी मुख्यतः 3x3, 4x4, 5x5, 6x6, 7x7 .....के मैट्रिक्स प्लान पर अपना बिज़नस कर रही हैं | अच्छे से समझने के लिये हम 4x4 का उदाहरण ले लेते हैं | इस प्लान के अनुसार प्रत्येक मेम्बर अपने नीचे कम से कम 4 मेम्बर बनाने के लिये बाध्य होता है | अगर आप कम्पनी से जुड़ते हैं तो आप अपने नीचे 4 मेम्बरों को कम्पनी में जोड़ेंगे और फिर वो 4 मेम्बर अपने नीचे 4-4 मेम्बरों को जोड़ेंगे अब नये जुड़ने वाले 16 मेम्बर अपने नीचे 4-4 मेम्बर बनते हैं और यह क्रम चलता रहता है | यह सिर्फ एक उदाहरण था, बाज़ार में आज बहुत सी कम्पनीयाँ हैं जो 5x5, 6x6 और 7x7 पर भी काम कर रही हैं | अच्छे से समझने के लिये चित्र को ध्यान से समझें |
मैट्रिक्स "MLM" प्लान के फयदे (Advantages of Matrix "MLM" Plan) :
मैट्रिक्स प्लान इस समय का एक ज़बरदस्त प्लान है, नयी-नयी जितनी भी कम्पनी शुरु हो रही हैं आज अधिकतर कम्पनी मैट्रिक्स प्लान को लेकर ही शुरु हो रही हैं |
[4.] ब्रेक-अवे प्लान (Break Away or Stair Step Break Away Plan ) :
यह प्लान भी पुराने प्लान में से एक है | आज भी बाज़ार में काफ़ी पुरानी और कई दिग्गज़ कम्पनी इस प्लान पर बिज़नस कर रही हैं | जब कम्पनी में काम करने वाले मेम्बरों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है उस स्तथि में इस प्लान की आवश्यकता होती है |
इसमें मेम्बरों को उनके लेवल के अनुसार एक सीढ़ीयों के जैसे क्रम में रखा जाता है | मेम्बर के लेवल में बढोत्तरी होती है तो उसे कम्पनी कोई उपाधि (पहचान "लेवल का निश्चित नाम") देती है और उसकी इनकम भी बढ़ जाती है | एक निश्चित लेवल पर पहुँचने पर कम्पनी उस ऊँचे लेवल के मेम्बर को अपलाइन से हटाकर अलग कर देती है या ब्रेक कर देती है | इसमे ऊपरी स्तर के मेंबर को पहले अलग किया जाता है |
और उन्हे पीढ़ी या Generations में बाँट दिया जाता है | उदाहरण के लिये ऊपर और नीचे के दोनो फ़ोटो ध्यान से देखें | मान लेते हैं एक टीम से जब कोई D Position प्राप्त करता है तो उसे कम्पनी अपलाइन से हटाकर कोई उपाधी "A" देती है और वह "Generation 1" जहाँ उसका कमीशन 5% है (ध्यान रहे इस लेेेेवल पर टीम बहुत बड़ी होगी और 5% कमीशन बहुत ज्यादा होगा) इसी तरह से यह क्रम आगे चलता है |
- इस प्लान के हिसाब से आप टीम में कोई जोड़ा या बैलेंस बनाने के लिये बाध्य नहीं होते हैं अतः आप अगर कम्पनी में एक भी मेम्बर को कम्पनी का उत्पाद बेचते हैं तो तब भी आपको पैसा मिल जाता है भले ही यह सीमित होता है अगर आपने अपने मैट्रिक्स के अनुसार सभी मेम्बर पूरे नहीं किये हैं |
- मैट्रिक्स प्लान पर काम करने वाली कम्पनीयों मे बड़ी बड़ी सेमीनार नहीं होती हैं | दूसरी कम्पनीयों की तरह जिनमे कोई एक नेटवर्क मार्केटिंग का धुरन्धर आता है और सेमीनार में बैठे लोगों को अल्प समय के लिये बड़े बड़े सपने दिखाकर बिज़नस करने के लिये मोटिवेट कर देता है | इसमें अनुभवी पुराने मेम्बर मिलकर ही नये आने वाले मेम्बरों को कुछ दिन 4,5 या 6 दिन की ट्रेनिंग उपलब्ध कराते हैं | इससे जब मेम्बर पुराने होते जाते हैं और ट्रेनिंग की क्लास देते हैं तो वो खुद भी बिज़नस के लिये सकारात्मक और मोटिवेट रहते हैं और अपनी टीम को भी रखते हैं साथ ही उनके ज्ञान में भी वृद्धि होती है |
- ट्रेनिंग ही इस प्लान का सबसे अहम हिस्सा है जिसमें हर मेम्बर ज्ञान के मामले में काफ़ी मज़बूत और किसी व्यक्ति को बिज़नस के लिये संतुष्ट करने में महारथ हासिल कर लेता है | इस तरह से कम्पनी एक सकरत्मक और उन्नती की दिशा में तेजी से आगे बढ़ती है |
हर अच्छी चीज़ की कुछ खामियाँ भी होती हैं तो ज़ाहिर है मैट्रिक्स प्लान के इतना ज़बरदस्त होने के वाबज़ूद कुछ खामियाँ या नुकसान भी हैंं |
- जैसे कि यहाँ पर आपको 4, 5, 6 या उससे ज्यादा मेम्बर बनाने जरूरी हैं अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कुछ ही समय में आपका कमीशन शून्य या कह सकते हो बन्द हो जायेगा | मतलब अप्रत्यक्ष रूप से आपको अपने नीचे पूरे मेम्बर लगाना जरूरी हो जाता है अगर आप लम्बे समय तक या अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं | जहाँ बाइनरी में 2 मेम्बर लगाना मुश्किल हो जाता है, अब आपको 4, 5 या 6 या उससे अधिक यहाँ पर लगाना ज़रूरी है |
- दूसरी चीज, उदाहरण के लिये, 4x4 मैट्रिक्स के अनुसार, अगर आप कम्पनी में अगर आप एक या दो मेम्बर (अपने समन लेवल के ही) जोड़ देते हैं तो आपको उनसे तो पैसा मिल जायेगा | लेकिन जब तक आप अपने नीचे पूरे 4 मेम्बर नहीं बना लेते या कह सकते हो अपना लेवल नहीं बढ़ा लेते हैं, तब तक जितने भी मेम्बर उन 2 मेम्बर के नीचे जुड़ेंगे आपको उनसे कोई मुनाफ़ा नहीं होगा |
- जैसे बानरी में जब जोड़ा नहीं बनता और मेम्बर जुड़ते जाते हैं तो उसमे ये होता है कि जब भी आपकी दूसरी साइड में मेम्बर जुड़ते हैं और जोड़ा पूरा होता है तो अपको पहले जुड़े मेम्बरों का रुका हुआ पैसा आपको मिल जाता है | लेकिन मैटरिक्स में ऐसा नहीं है, जिस लेवल के अनुसार आपको आपकी टीम से पैसा नहींं आ रहा है, आपका भविष्य में लेवल बढ़ने पर भी पहले हुई जोइनिंग या पहले जुड़े मेम्बरों से कोई पैसा नहीं मिल पाता है |
- कभी कभी टीम में कोई मेम्बर ऐसा होता जिसकी टीम तेजी से बढ़ जाती है और यहाँ नेटवर्क की चौड़ाई ज्यादा होने के कारण हर मेम्बर अच्छे से अपनी टीम नहीं सम्भाल पाता है जिससे उसकी टीम में मेम्बर इतने माहिर नही हो पाते कि वह अपनी टीम को इतना सक्षम बना सकेंं कि वह लम्बे समय तक मज़बूती के साथ कार्य करती रहे | और इसिलिए कभी-कभी मैट्रिक्स प्लान शुरु तो बहुत तेजी से होता है लेकिन जल्द ही ठप हो जाता है |
[4.] ब्रेक-अवे प्लान (Break Away or Stair Step Break Away Plan ) :
यह प्लान भी पुराने प्लान में से एक है | आज भी बाज़ार में काफ़ी पुरानी और कई दिग्गज़ कम्पनी इस प्लान पर बिज़नस कर रही हैं | जब कम्पनी में काम करने वाले मेम्बरों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है उस स्तथि में इस प्लान की आवश्यकता होती है |
इसमें मेम्बरों को उनके लेवल के अनुसार एक सीढ़ीयों के जैसे क्रम में रखा जाता है | मेम्बर के लेवल में बढोत्तरी होती है तो उसे कम्पनी कोई उपाधि (पहचान "लेवल का निश्चित नाम") देती है और उसकी इनकम भी बढ़ जाती है | एक निश्चित लेवल पर पहुँचने पर कम्पनी उस ऊँचे लेवल के मेम्बर को अपलाइन से हटाकर अलग कर देती है या ब्रेक कर देती है | इसमे ऊपरी स्तर के मेंबर को पहले अलग किया जाता है |
और उन्हे पीढ़ी या Generations में बाँट दिया जाता है | उदाहरण के लिये ऊपर और नीचे के दोनो फ़ोटो ध्यान से देखें | मान लेते हैं एक टीम से जब कोई D Position प्राप्त करता है तो उसे कम्पनी अपलाइन से हटाकर कोई उपाधी "A" देती है और वह "Generation 1" जहाँ उसका कमीशन 5% है (ध्यान रहे इस लेेेेवल पर टीम बहुत बड़ी होगी और 5% कमीशन बहुत ज्यादा होगा) इसी तरह से यह क्रम आगे चलता है |
अगर आपका कोई सवाल हो तो आप कमेन्ट करके पूछ सकते हैं हमें उत्तर देने में खुशी होगी | धन्यवाद !
***समाप्त***
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